मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme) का उद्देश्य स्कूल जाने वाले बच्चों के पोषण स्तर को सुधारना और उनकी उपस्थिति, प्रतिधारण, और शैक्षिक प्रदर्शन को बढ़ावा देना है। इस योजना की शुरुआत 1995 में की गई थी, और तब से इसे कई सुधारों और विस्तारों के साथ जारी रखा गया है।
मुख्य बिंदु:
लाभार्थी: यह योजना प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए है, जो सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, और स्थानीय निकाय स्कूलों में पढ़ते हैं।
पोषण मानक:
- प्राथमिक स्तर के बच्चों को प्रतिदिन न्यूनतम 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन मिलता है।
- उच्च प्राथमिक स्तर के बच्चों को प्रतिदिन न्यूनतम 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन मिलता है।
खाद्य सामग्री:
- बच्चों को चावल/गेहूं, दाल, सब्जियां, और एक मौसमी फल दिया जाता है।
- कुछ राज्यों में स्थानीय खाद्य पदार्थों को भी शामिल किया गया है।
मूल उद्देश्य:
- कुपोषण और भूखमरी को कम करना।
- स्कूल छोड़ने की दर को कम करना।
- बच्चों की शैक्षिक उपलब्धियों में सुधार करना।
2024 में सुधार और विस्तार:
- स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी।
- रसोई घरों और भंडारण सुविधाओं का सुधार।
- स्कूलों में पौष्टिकता जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन।
- स्थानीय समुदायों और स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी को बढ़ावा देना।
कार्यांवयन:
- राज्य सरकारों द्वारा योजना का कार्यांवयन किया जाता है।
- केंद्र सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करती है और दिशा-निर्देश जारी करती है।
अन्य लाभ:
- बच्चों में सामाजिक समरसता को बढ़ावा।
- विशेष रूप से गरीब और कमजोर वर्गों के बच्चों को लाभ।
- महिलाओं को रोजगार प्रदान करना, क्योंकि भोजन बनाने और वितरित करने में अधिकांशतः महिलाएं शामिल होती हैं।
निष्कर्ष:
मध्याह्न भोजन योजना 2024 के तहत, बच्चों के स्वास्थ्य और शैक्षिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए अनेक सुधार और विस्तार किए जा रहे हैं। यह योजना बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और भविष्य में भी इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
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